भारती शर्मा

भारती शर्मा

भारती शर्मा एक स्वतंत्र पत्रकार और लेखिका हैं, जिनका झुकाव हमेशा से समाज, संस्कृति और पर्यावरण से जुड़ी कहानियों की ओर रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने विभिन्न स्थानीय समाचार पत्रों और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर काम किया।

भारती का मानना है कि खबरें सिर्फ़ सूचनाएँ नहीं होतीं, बल्कि लोगों की आवाज़ और समाज की धड़कन होती हैं। इसी सोच के साथ वह Hindu News Today के लिए लिखती हैं। उनकी लेखनी कला, प्रकृति, खेल और सामाजिक बदलावों पर केंद्रित रहती है।

उनकी शैली सीधी, संवेदनशील और पाठकों से जुड़ने वाली है। लेखों में वह अक्सर ज़मीनी अनुभवों, स्थानीय किस्सों और सांस्कृतिक संदर्भों को शामिल करती हैं, ताकि पाठकों को सिर्फ़ जानकारी ही नहीं बल्कि जुड़ाव भी महसूस हो।

परंपरागत हस्तशिल्प और आधुनिक डिज़ाइन का संगम

अगर आपने कभी दादी की पुरानी संदूक से निकली हुई हाथ से बुनी चादर को गौर से देखा है, या कारीगर की हथेली से निकली मिट्टी की खुशबू महसूस की है — तो समझ पाएँगे कि परंपरा सिर्फ अतीत की…

हिमालयी ग्लेशियरों पर जलवायु परिवर्तन का असर

बर्फ़ की चुप्पी और बदलती आवाज़ 2019 में मैं पहली बार गंगोत्री ग्लेशियर के पास गया था। बचपन में किताबों में इसे “गंगा की जन्मस्थली” पढ़ा था—एक भव्य, सफ़ेद, स्थिर संरचना। लेकिन जब सामने खड़ा हुआ तो गाइड ने उंगली…

कैसे जेन Z बदल रही है भारत का फैशन और लाइफस्टाइल

दिल्ली के हौज़ ख़ास की किसी शाम को आप रोड के किनारे बैठकर सिर्फ़ आते-जाते लोगों को देखें—दूर से एक लड़का आता है, ढीला-ढाला कार्गो, कान में छोटे-छोटे सिल्वर हूप्स, पाँव में सफेद स्नीकर्स जो चमकते नहीं, जिए हुए लगते…

भारत की विलुप्तप्राय प्रजातियाँ और संरक्षण की जंग

जंगल की ख़ामोशी में छुपी हुई चीख़ एक बार कर्नाटक के नागरहोल टाइगर रिज़र्व में मैं गश्त पर निकले गार्ड्स के साथ चला था। पेड़ों के बीच अचानक सन्नाटा छा गया। कोई पक्षी नहीं, कोई पत्ता नहीं हिला। गार्ड ने…

समकालीन भारतीय कला का वैश्विक उदय: गैलरियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय पहचान तक

समकालीन भारतीय कला का वैश्विक उभार कभी अगर किसी ने दिल्ली के पुराने प्रगति मैदान में लगे आर्ट मेलों को देखा है, और फिर लंदन, पेरिस या न्यूयॉर्क की गैलरी में उसी भारत की कला को चमकते पाया है —…