श्रेणी कला डिजाइन

डिजिटल आर्ट: भारत के युवाओं के लिए एक नया युग

पहली बार मैंने किसी अंडरग्राउंड प्रदर्शनी में VR-हेडसेट पहना, तो सामने आया बनारस का घाट — लेकिन असली नहीं, पिक्सल का, धड़कता हुआ, ऑडियो में आरती . . . और उसी के बीच एक ग्लिच—नौका अचानक चौकोर बन गई। लोग…

परंपरागत हस्तशिल्प और आधुनिक डिज़ाइन का संगम

अगर आपने कभी दादी की पुरानी संदूक से निकली हुई हाथ से बुनी चादर को गौर से देखा है, या कारीगर की हथेली से निकली मिट्टी की खुशबू महसूस की है — तो समझ पाएँगे कि परंपरा सिर्फ अतीत की…

समकालीन भारतीय कला का वैश्विक उदय: गैलरियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय पहचान तक

समकालीन भारतीय कला का वैश्विक उभार कभी अगर किसी ने दिल्ली के पुराने प्रगति मैदान में लगे आर्ट मेलों को देखा है, और फिर लंदन, पेरिस या न्यूयॉर्क की गैलरी में उसी भारत की कला को चमकते पाया है —…